गोपालगंज से 6 किमी दूर थवे में देवी दुर्गा को समर्पित मंदिर, दूर और दूर के लोगों द्वारा महान सम्मान में आयोजित किया जाता है। बड़े पैमाने पर भक्त, विशेष रूप से सोमवार और शुक्रवार को मंदिर को आते हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि थवे में देवी आसाम से देवी कामख्या ही है। किंवदंती यह है कि 14 वीं शताब्दी में, चेरो राजा, राजा मानन सिंह थे, जो एक दुर्गा भक्त थे, जो बेहद घमंडी और संतों और अन्य धार्मिक व्यक्तियों के असहिष्णु थे। राहशु, एक अन्य दुर्गा भक्त जो हठवा में राजा के किले के पास रहते थे, जब वहा पे अकाल पड़ा तब उह्नोने देवी की प्रार्थना की । लेकिन शासक अकाल-प्रभावित लोगों से कर लेना लिए जारी रखा।[और पढ़े]
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